मध्यप्रदेश के समस्त शासकीय विश्वविद्यालय

कोरोना वायरस के विरुद्ध हमारी जंग
कोरोना वायरस (COVID 19 ) का विश्वव्यापी प्रकोप

लक्षण

  • संक्रमित व्यक्ति को सबसे पहले गले में खराश, सूखी खांसी, तेज बुखार आता है। उसके बाद सांस लेने में तकलीफ होती है।

यह कैसे फैलता है

  • खांसने व छींकने से हवा के जरिये, हाथ मिलाने से/सम्पर्क से, संक्रमित वस्तुओं से एवं जनसमूह से।

रोकथाम

  • हाथ बार-बार धोएं, फेस मास्क पहने, बीमार के सम्पर्क में आने से बचें एवं खासनें व छींकते समय मुंह ढक कर रखें।
  • सोशल डिस्टेंसिंग (एक से दूसरे व्यक्ति की दूरी) निरन्तर अपनायें।
  • हर 2 घटे में डिटोल साबुन से हाथ धोते रहें।
  • लोकडाउन की स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग रखें।
  • संक्रमित होने की आंशका पर 14 दिन तक एकांत में क्वारेंटाईन करें, जिसे डाॅक्टर के परामर्श पर बढ़ाया जा सकता हैं।
  • संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती हों और इलाज करायें।

फिर क्या करें ?

  • कसी भी उपयोग में आने वाली वस्तु को स्पर्श करने के तत्काल बाद हाथ धोयें।

क्यों ?

  • कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति जब खांसता, छींकना/बोलता है, तब उसकी सांस के माध्यम से कोरोना वायरस बाहर आता है और कुछ देर हवा में रहने के बाद आस-पास ठोस तलों एवं वस्तुओं पर जम जाता है। जब कोई व्यक्ति उसको जाने या अनजाने में छू लेता है, तब संक्रमित होने के बाद संक्रमित व्यक्ति जब किसी अन्य वस्तु को छूता हैं, तब वह भी संक्रमित हो जाता हैं। संक्रमित व्यक्ति के हाथों से जिस वस्तु को छूआ जायेगा, तब वहां भी कोरोना वायरस पहुंच जायेगा। संक्रमित स्थलों पर कोरोना वायरस का जीवन 3 घंटे से लेकर 3 दिन तक रह सकता है या उससे भी अधिक। जब हमारा संपर्क ऐसे स्थलों से होता है तब यह वायरस हमारे हाथ में लग जाता है और जब हमारा हाथ, आंख, नाक या मुंह में लगता हैं, तब उससे हम भी संक्रमित हो जाते हैं।

सोशल डिस्टेंसिंग कैसे बनायें ?

  • घर पर रहना
  • रिश्तेदारों और सहकर्मियों से नहीं मिलना।
  • यदि मजबूरी हो तो मिलने के समय डेढ़ मीटर की दूरी बनाये रखें।
  • यात्राऐं न करना।
  • सामाजिक, धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल न होना।
  • पार्टी एवं समारोह आयोजित न करना। न ही शामिल होना।
  • बाजार न जाना।
    (अतिआवश्यक परिस्थिति में मास्क लगाकर एवं सेनेटाइजर का प्रयोग करके ही बाजार जाना)

कोरोना वायरस से जब कोई व्यक्ति संक्रमित होता है तब

  • कुछ मामलों में कोई लक्ष्य नहीं दिखाई देते हैं।
  • कुछ मामलों में लक्ष्य 4-5 दिन में और, अधिकांश मामलों में 14 दिन में दिखाई देते हैं। इस कार ा हमारे आसपास रहने वाले एवं घूमने वालों में से कौन संक्रमित हैं, केवल देखकर पता लगाना मुश्किल हैं। अतः सतर्कता के लिए सोशल डिस्टेंसिंग रखें।
  • बीमारी की स्थिति मैं क्या करें ?

  • बीमारी को न छुपायें।
  • स्वयं इलाज न करें।
  • बीमारी से घबराये नहीं, इलाज से पूरा स्वस्थ हुआ जा सकता हैं।
  • तत्काल डॉक्टर से दूरभाष पर सम्पर्क करें।
  • डॉक्टर की सलाह के अनुसार जांच इत्यादि करायें।
  • डॉक्टर की सलाह के अनुसार परहेज और सावधानियों का पालन करें।
  • डॉक्टर की बताई हुई दवा ही खायें। अपनी मर्जी से कोई दवा न खायें।
  • संक्रमित होने की स्थिति में 21 दिन तक सबसे अलग एकांत में रहें। सबसे अलग रहने को ही क्वारेंटाईन कहते हैं तथा डॉक्टर की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हों।
  • विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी

  • स्वस्थ समाज बनाने का प्र ा लें।
  • सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों को घर में रोकने की निरन्तर हिदायत देते रहें।
  • वेबसाईट के माध्यम से भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय, राजभवन, मध्यप्रदेश शासन एवं यू.जी.सी. से प्राप्त दिशा निर्देशों/आदेशों को संदेश के माध्यम से भेजें।
  • सोशल मीडिया/अन्य माध्यमों से आ रही भ्रामक सूचनाओं का खडन करें।
  • दूरभाष पर निरन्तर आपसी सम्पर्क में रहें।
  • किसी भी बीमार व्यक्ति की तत्काल सूचना अस्पताल और प्रशासन को दें।
  • शासकीय प्रयासों में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करें।
  • विश्वविद्यालय परिवार एवं सम्पर्क के किसी भी व्यक्ति को भूखा न रहने दें।
  • मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक दिन का/अधिक दिवसों का वेतन दान करें।
  • सम्पर्क की एक मजबूत चैन स्थापित करें, ताकि संवाद जल्दी पहुंचे।
  • निजी आपसी सहयोग से सामाजिक मदद् करें।
  • हमारा लक्ष्य

    • कोरोना वायरस मुक्त समाज, देश और विश्व।

    मध्यप्रदेश के राज्यपाल की अभिप्रेरणा से सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा जनहित में जारी

    सलाहकार डॉ. आर. एस. शर्मा , एम. डी., डी. एम., पूर्व कुलपति, मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर
    सलाहकार, डॉ. जी. एस. पटेल, अधिष्ठाता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर